धरती का स्वर्ग विवादों में
*धरती की जन्नत "कश्मीर" विवादों के घेरे में।।* ख़बर *परवेज़ अख़्तर* की✍️से कितना अजीब है ना कि जब हम लोगों का मन उच्चाट होता था तो हम लोग फिल्म देखने जाते थे, क्योंकि फ़िल्में इंटरटेंमेंट करती थी, बहुत कुछ सिखाती थीं, बहुत ज्ञान देती थीं! पर हाल के दिनों से फिल्में अश्लीलता परोसने लगीं फिल्म मेकर लड़ाई, झगड़ा, एक्शन, क्राइम, दिखाने लगे जिससे लोगों में क्राईम करने फर्जी एक्शन करने और एक्टर्स की तरह दिखने के लिए उन्ही की तरह कपड़े पहनने लगे उन्ही की तरह नकल करने लगे। और अब हद खत्म करते हुए फिल्मे "नफ़रत परोसने" लगीं हैं, कहानियों को तोड़ मरोड़ कर दिखाने लगी हैं एक ऐसी नफ़रत जो यकीनन दीमागों पर हावी होकर भाई को भाई से अलग करने लगी हैं। फिल्में समाज का आइना होती हैं, फिल्मों की स्टोरी में फिल्मों के किरदारों में कुछ लोग अपने आप को देखने लगते हैं। ऐसी कई फिल्में बनी जो दंगों पर ही आधारित थीं जिनको आज तक सेंसर ने पास नहीं किया, और वो रिलीज़ ही नहीं हुईं ! ये ठीक भी हुआ क्योंकि गुज़रे कल की किसी बात से मन बेचैन हो दिल को तकलीफ हो तो उसको ना याद करना चाहिए और ना ही दोहरा